बाजपट्टी के बर्री में एक साथ उठी तीनो की अर्थी,गाँववालो की आंखे हुई नम,मची कोहराम

पत्रकार श्याम गोपाल की रिपोर्ट
बाजपट्टी।थाना क्षेत्र के बर्री गाँव के चिमनी के पास पोखर में डूबने से तीन नाबालिग बच्चों की मौत हो गई।मृत व्यक्ति की पहचान थाना क्षेत्र के बर्री गाँव निवासी जितेंद्र ठाकुर के 12 वर्षीय पुत्री लाडली कुमारी व बर्री गाँव निवासी अशोक ठाकुर के 11 वर्षीय पुत्री सोनी कुमारी व 10 वर्षीय

 आदित्य कुमार के रूप में की गई है।मिली जानकारी के मुताबिक सभी बच्चे व बच्चियां घर की मिट्टी लाने को लेकर चिमनी स्थित सरेह के पोखर के समीप गया था।जहाँ मिट्टी काटने के दौरान एक कि पैर फिसल गया।जहां वे डूब रहा था।जब डूबते देख दोनों बच्चे बचाने गई तो वे पोखर में चला गया।वही वे भी डूब गए।जब भैंस चराने जा रहे ग्रामीणों की नजर डूबते बच्चे बच्चियां पर पड़ी तो इसकी सूचना परिजनों को दिया।तबतक ग्रामीणों की भीड़ घटनास्थल पर उमड़ पड़ी थी।वही परिजन भी पहुंचे।वही तीनो का शव पोखर से बाहर निकाला गया।तबतक सभी की मौत हो चुकी थी।हालांकि ईलाज को लेकर सभी को स्थानीय हॉस्पिटल में भी ले गया था।जहाँ चिकित्सको ने मृत घोषित कर दिया।

सड़क पर शव रखकर परिजन कर रहे थे विलाप

रायपुर स्थित सड़क के समीप तीनो का शव रखकर परिजन विलाप कर रहे थे।उक्त जगहों पर अफरा तफरी का माहौल कायम हो चुका था।वही ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी थी।चीख पुकार से इलाका पूरी तरह गमगीन हो चुका था।


जानकारी मिलते ही पहुँची पुलिस

घटना की जानकारी मिलते ही थानाध्यक्ष पंकज कुमार,एएसआई देवेंद्र कुमार व आरओ अभिषेक आनन्द दल बल के साथ पहुँची।वही परिजनों को काफी समझाने के बाद पुलिस ने तीनों शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को ले सीतामढ़ी सदर अस्पताल भेज दिया।थानाध्यक्ष ने बताया कि घटना काफी ह्रदयविदारक है।वही पुलिस आगे की कारवाई में जुट गई है।

एक घर से उठी दो भाई बहन की अर्थी,पड़ोस के घर से एक पुत्री की उठी अर्थी

पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर जैसे ही परिजन को सौंपा।जैसे ही शव घर पहुंची।वैसे ही परिजनों में कोहराम की स्थिति उत्पन्न हो गई।इलाका पूरी तरह गमगीन मातम में तब्दील हो गई।चहुओर चित्कारें की आवाज़ें गूंज रही थी।आसपास के लोग परिजन को ढांढस बढ़ा रहे थे।मालूम हो कि अशोक ठाकुर के घर से एक साथ भाई बहन की अर्थी निकली।वही जितेंद्र ठाकुर के घर से पुत्री की अर्थी निकली।इस दौरान माहौल पूरी तरह गमगीन हो चुका था।सभी की आंखे पूरी तरह नम हो गई थी।परिजन के अलावा सभी लोग बिलख बिलख कर रो रहे थे।

अब के साईकिल से स्कूल जतई.....

मालूम हो कि एक साथ जैसे ही पोता पोती की शव घर पहुँची वैसे ही दादी चंद्रकला देवी ने शव से लिपटकर कहा की गे सोनी पोती अब साईकिल से के स्कूल जतई... का विलाप कर रही थी।वही दादी के अलावा माँ इन्द्रकला देवी व पिता भी शव से लिपटकर रो रही थी।बतादे की सोनी कुमारी वर्ग सात रायपुर स्थित सरकारी विद्यालय में पढ़ती थी।वही आदित्य बाजितपुर में पराइवेट स्कूल में पढ़ता था।अशोक ठाकुर के दो पुत्र व एक पुत्री में अब मात्र एक पुत्र बाल्मीकि कुमार ही बच गया।वही पिता मजदूरी कर परिजन का भरण पोषण करते थे।वही जितेंद्र ठाकुर के पुत्री लाडली का भी शव जैसे ही घर पहुंचा तो सभी का रो रोकर बुरा हाल हो चुका था।दादी शैल देवी,माँ शिला देवी व पिता काफी रो रहे थे।वही उसके दो पुत्री व एक पुत्र था।मृत लड़की के पिता भी गाँव मे रहकर मजदूरी करता है।




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