नेपाल के काली गंड़की नदी से प्राप्त 2 शालीग्राम शिलाखंडों से ही, अयोध्या में निर्माण हो रहे श्री राम मंदिर। वहाँ पर भगवान श्री राम के बाल्य स्वरूप की मूर्ति और माता सीता की मुर्ति बनाने के लिए इस शिलाओं क़ो तय किया गया है।शालिग्राम मिलने वाला विश्व प्रसिद्ध एक मात्र नदी काली गंड़की है। म्याग्दी के बेनीबाजार के समीप काली गण्डकी नदी के किनारे से लिये गये इन शिलाखंडों में से एक 26 टन का और दूसरा 14 टन का है।निकालने से पहले काली गंड़की नदी में क्षमा-पूजा की गई और विशेष पूजा के साथ इन शिलाखंडों को ले जाया गया।दोनों शिलाखण्डों क़ो ले जाकर 26-01-2023 गुरुवार के दिन गलेश्वर महादेव मन्दिर में रूद्राभिषेक किया गया ।
26 -01-2023 के दिन ही विंध्यवासिनी मंदिर, पोखरा में, पूजा कर के 27-01-2023 की सुबह ही वहां से इनका प्रस्थान हो चूका है।
नेपाल के काली गंड़की नदी से प्राप्त 2 शालीग्राम शिलाखंडों से ही, अयोध्या में निर्माण हो रहे
वहाँ पर भगवान श्री राम के बाल्य स्वरूप की मूर्ति और माता सीता की मुर्ति बनाने के लिए इस शिलाओं क़ो तय किया
26 -01-2023 के दिन ही विंध्यवासिनी मंदिर, पोखरा में, पूजा कर के 27-01-2023 की सुबह ही वहां से इनका प्रस्थान हो चूका है
27 -01-2023 को देवघाट में रात्रि-विश्राम के पश्चात आज दिनांक 28-01-2023 की प्रातः काल की पूजा के पश्चात, इन शिलाखंडों की यात्रा, हेटौडामा, पथलैयामा, निजगढमा, लालबन्दी और बर्दिबास में पूजा-अर्चना संपन्न करते हुए ढल्केबर में इनका स्वागत किया जायेगा।
तत्पश्चात, जनकपुर में रात्रि-विश्राम होगा और 29-01-2023 को, रविवार के दिन प्रातःकाल, महाआरती और बिजय महामन्त्र के जाप के साथ परिक्रमा किया जायेगा।
सोमवार, 30 -01-2023 के दिन अयोध्या के लिए इन दोनों शिलाखंडों का प्रस्थान होगा।
0 Comments