बाजपट्टी।प्रखण्ड के बनगाँव बाजार स्थित बाबा कुटीर राम जानकी मठ में श्री श्री 108 महंत रघुनाथ दास जी महाराज की आठवीं पुण्यतिथि पर महंत माधव दास के तत्वाधान में जारी नौ दिवसीय रामचरितमानस महायज्ञ के आठवें दिन भी इलाका पूरी तरह भक्तिमय कायम रहीं।शनिवार की रात्रि आठवें दिन माता जानकी की मटकोर पूजन का आयोजन भव्य रूप से किया गया।मालूम हो कि जगत जननी माता जानकी जी का मटकोर रस्म मैथिली विधि-विधान से देर रात्रि तक संपन्न हुआ।गौरी पूजन और मटकोर की रस्म पूरी होने के साथ ही राम जानकी मंदिर में शनिवार की शाम दो दिनी राम विवाह महोत्सव की धूम मच गई हैं। देर शाम विवाह के गीतों पर महिलाओं के झूमने-थिरकने का सिलसिला भी शुरू हो गया था।मन्दिर परिसर में उत्सव जैसा माहौल बन गया था।मंदिर के महंत माधव दास ने मटकोर की रस्म अदा की। घृतढ़ारी का कार्यक्रम हुआ।महंत के द्वारा कंधे पर कथित सोना का कुदाल लिए मिट्टी उसी सरोवर से लाया गया। इस अवसर पर महिलाओं ने मटकोर की गीत गायी। महिलाओं ने हजाम को जमकर गालियां भी दी।इस आयोजन को लेकर आसपास के श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी थी।वही आयोजन के दौरान अधिक संख्या में महिलाएं शामिल थी। दुल्हा पक्ष के अर्थात राम के पिता राजा दशरथ, रानी कौशल्या, कैकेयी तथा सुमित्रा को जमकर गालियां दी। और मटकोर संपन्न होने के बाद तेल अंकुरी तथा मखान तथा लड्डू भक्तों के बीच वितरित किए गए। इस उदभूत कार्यक्रम को देखने हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी।माता सीता के स्वरूप भी बनाया गया था।जो आकर्षण का केंद्र था।खासतौर पर महिलाओं और बच्चों में काफी उत्साह बनी हुई थी। मांगलिक गीत में कहां के पियर माटी कहां के कुदार ह... कहां के पांच सुहागिन माटी कोड़े जात हो...आदि गीतों से इलाका पूरी तरह सराबोर हो चुका था।जहां महिलाओं ने मैथिली गीत गाकर माहौल को और अधिक उत्सवी बना दिया था।कार्यक्रम में प्रखण्ड के कई महंत, साधु संत व गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे। मटकोर में हजारो लोगो की सहभागिता थी।
ब्यास ने मैथिली गीत गाकर लोगों को बढाया उत्साह
जानकी जी के मटकोर पूजन कार्यक्रम में एक से बढकर एक मैथिली गीतों का प्रस्तुति हुआ। इस दौरान मंदिर के महंथ माधव दास ने भी स्वयं अपने आप को रोक ना सका और महंथ नाचते-गाते कई मैथिली गीत गाकर दर्शको के उत्साह में चार चाँद लगा दिए। उनके साथ कई साधु महात्मा नाचते-गाते झुमते रहे।वही श्रद्धालुओं ने बहती भक्ति रसधार में झूमने को मजबूर हो गए। यह मनोरम दृश्य से दर्शक भाव-विभोर हो गया।मटकोर पूजन के दौरान एक से बढ़कर एक मंगलगीतो कि प्रस्तुति की गई।एहन सुंदर मिथिलाधाम..., दोसर पायब केहि ठाम..., दुलहा-दुलहिन सीता-राम..., जनकपुर में हम किया करबै,ककरोअ आस..., जखन मिथिला हमर धाम..., जखन मिथिला हमर धाम..., तखन तीरथ कोन काम, आदि अन्य गीतों की प्रस्तुत की गई।ब्यास नवल किशोर ठाकुर ने मंगल आज जनकपुर घर घर मंगल हे, माई हे सिया जी के आज मटकोर घर घर मंगल आदि कई मांगलिक गीत सुनाकर श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया।मिथिलेश कुमार,राजू राज, अरुण कुमार ठाकुर,मदन कुमार,परशुराम कुमार,राजेश मिश्रा,लक्ष्मण प्रसाद,मोहन कुमार,सुबोध कुमार सहित समस्त ग्रामवासियों की भूमिका सराहनीय है।
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