मटकोर पूजन के दौरान उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़,हर हर महादेव से गुंजा इलाका
बाजपट्टी।प्रखण्ड के बनगाँव गोट स्थित महादेव मंदिर से जैसे ही गुरुवार की शाम को गांजे बाजे के साथ माता पार्वती की मटकोर पूजन को ले जत्था निकली।इलाका पूरी तरह मंगल गीतों से गूँजने लगी।गीत गाती महिलाओं ने ढोलक की धुन पर झूमने पर मजबूर हो गए थे।हर हर महादेव से इलाका पूरी तरह गुंजित हो चुका था।माथे पर मटकोर पूजन की थाल, हाथों में कुदाल और होठों पर गीत-अइसन बौरहवा से गौरी के न बिआहब गे माई...व कमला के पियर माटी सोने के कुदाल हो आदि कई मंगल गीत भी गा रहीं थी।विधिवत महिलाओं ने कुदाल की पूजा की। फिर धरती माता की भी पूजा कर और वहीं से मिट्टी खोदकर निकाली गई। उस मिट्टी काे माथे से लगाकर महिलाओं ने उसे पहले आंचल में और फिर थाली में रखा। फिर मटकोर पूजन के बाद बाद पुनः मन्दिर परिसर लौट गई।
आज निकलेगी शिव की बारात,कई आकर्षक झांकी रहेगी शामिल
बनगाँव गोट के महादेव मंदिर से आज निकलेगी शिव की भव्य बारात।मूर्तिकार प्रतिमा को अंतिम रूप दे चुके है।मालूम हो की महादेव मंदिर के प्रांगण में शिव की बारात को ले भव्य आयोजन किया गया हैं।जिसे देखने के लिए दूर दराज से भक्तगण आते हैं।और श्रद्धा भाव से पूजा अर्चना करते हैं। इस बार की झाँकी काफी महत्वपूर्ण हैं।क्योंकि इस बार शिव के बारात में कई देवी देवता शामिल रहेंगे। जो आकर्षण का केंद्र बना रहेगा।वही इस बार विवाह उत्सव का भी आयोजन प्रमुखता से किया जाना है।
मैथली कलाकारों के गीतों से इलाका होगा गुंजित
विवाहोत्सव के दौरान मैथली लोकगायक द्वारा एक से एक बढ़कर बाबा भोलेनाथ की विवाहोत्सव के दौरान भक्ति गीत प्रस्तुत की जाएगी ।जो श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर कर देगी।शिव की झाँकी में भव्य बाबा भोले शंकर बसहा पर सवार व गले मे गेहुंमन सर्प की माला ,ब्रह्मा,विष्णु,महेश,महाकाल,सूर्य देव,इंद्रदेव,हनुमान, सुरसा,रावण व अघोरी के गले मे विशाल अजगर व नर कंकाल सहित कई देवी देवता शामिल रहेंगे।जबकि सौ से अधिक भूत बैताल शिव की बारात का हिस्सा भी बनेंगे।कार्यक्रम शिव की बारात के बाद होगी।
शिव की बारात को देखने के लिए उमड़ती है लाखो भक्तो की भीड़
बाबा भोलेनाथ की बारात जैसे ही बनगाँव गोट के महादेव मंदिर से प्रस्थान करती हैं तो स्टेट बैंक व शहिद रामफल मंडल चौक पर भक्तो की लाखों भीड़ उमड़ने लगती हैं।भक्त चार घंटे पहले से ही शिव की बारात देखने के लिए जुट जाते हैं।जबकि कई भक्त दर्शन को ले विवश भी हो जाते हैं।वही भक्तों के द्वारा फूलों की वर्षा किया जाता हैं।
0 Comments